गजल : मेरी ख्वाहिश ★ ★ ★ ★ ★ Behar : 212-212-212-212 देश की शान मैं यूं बढाता रहूँ शीश झुकने न दूं मैं कटाता रहूँ काट दूँ हाथ वो,जो उठे देश पर दुश्मनो को युँ हीं मैं मिटाता रहूँ में लड़ाई लड़ूं आखिरी सांस त… Read more »
गजल : मेरी ख्वाहिश ★ ★ ★ ★ ★ Behar : 212-212-212-212 देश की शान मैं यूं बढाता रहूँ शीश झुकने न दूं मैं कटाता रहूँ काट दूँ हाथ वो,जो उठे देश पर दुश्मनो को युँ हीं मैं मिटाता रहूँ में लड़ाई लड़ूं आखिरी सांस त… Read more »
!! उत्कर्ष दोहावली Utkarsh Dohawali !! कविता लेखन सब करो,साध शिल्प अरु छंद कविता खुद से बोलती, उपजे बहु आनंद कविता लिखना सीखते, बड़े जतन के साथ मुख को जोड़ा पैर से, धड़ से जोड़े हाथ धड़ से बाजू जोड़िये, मुख को ऊपर जोड़ … Read more »
!! उत्कर्ष दोहावली Utkarsh Dohawali !! गजमुख की कर वंदना, धर शारद का ध्यान पञ्च देव सुमिरन करूँ, रखो कलम का मान ईश्वर के आशीष से, दूने हो दिन रात बिन मांगे सबको मिले, मेरी यही सौगात अधर गुलाबी मधु भरे, तिरछे नैन कटार मुख … Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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