मार्च, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं

अभिव्यक्ति की आजादी (freedom of Manifestation)

------------------------------------------- अभिव्यक्ति के नाम पर, परोसी जा रही है, फूहड़ता,अब बदल चुका है, वह संकल्प, जो लिया था कभी, सभ्य समाज, और उसकी पुष्टता का, कभी दीपक बन, उजाला करने के, संजोये थे ख्वाब, मगर, लोकप्रियता की दीमक, चट कर रही है, धीरे … Read more »

मेरा भारत देश कहाँ [ Mera Bharat Desh Kahan ]

मेरा भारत देश कहाँ [ Mera Bharat Desh Kahan ] चूम लिये फांसी का फंदा,भगतसिंह सुख,राज जहाँ इंकलाब  की  बोलो  वाला,मेरा  भारत   देश    कहाँ वो प्यारा भारत देश कहाँ, अंग्रेजो  का  महल  ढहाया, वो  दीवानी  नारे थे भारत को जीने वाले वह,माँ भारति के प्यारे थे … Read more »

विदाई गीत [ Vidai Geet ]

विदाई गीत [ Vidai Geet ] हरे हरे कांच की चूड़ी पहन के, दुल्हन  पी   के  संग  चली  है पलकों  में  भर  कर के आंसू, बेटी  पिता  से  गले  मिली  है फूट - फूट के  बिलख रही वो-२ बाबुल  क्यों  ये सजा मिली है, छोड़ चली क्यों घर आंगन कू, बचपन की जहाँ याद ब… Read more »

बेटियाँ [ तांटक छंद ] - Betiyan [Tantak chhand ]

बेटियाँ - Betiyan [ तांटक छंद ] पीले     हाथ  किये  बाबुल  ने,अपनी  बेटी  ब्याही है अब    तक तो   कहलाई अपनी,अब वो हुई परायी है नीर  झलकता है  पलको से,बेला  करुणा  की आयी चली सासरे वह निज घर से,दुख की बदली है छायी मात-पिता, बहिना अरु भाई,फूट - फ… Read more »

छंद अलंकार का मर्म न जाने

कैसे तुझको   कवि में कह दूँ कैसे   दूँ    सम्मान      रे छंद अलंकार का मर्म न जाने न जाने विधि   विधान रे कैसे  तुझको  कवि में कह दूँ कैसे      दूँ    सम्मान   रे काव्य के तू गुण दोष न जाने न काव्यशास्त्र का ज्ञान रे शब्दों की   तू  महत्ता न जाने … Read more »

होली गीत [Holi Rasiya Song]

होली : Holi Song Rasiya होरी में उड़े गुलाल गुलाबी सबरे नर नारी । रंगनी  है राधा गोरी अरु रंग डारे बनबारी ।। होरी में...........................................२ ग्वाल बाल सब झूम रहे है, घोंट भांग  फिर चूम रहे है, रंग बरसे सबरे आज घटायें छाई मतबारी । … Read more »

मत्तग्यन्द सवैया छंद (mattgyandy savaiya)

मत्तग्यन्द सवैया छंद (Mattgyandy Savaiya)  (1)  देख गरीब मजाक करो नहि,हाल बनो किस कारण जानो मानुष  दौलत  पास   कितेकहु,दौलत  देख  नही  इतरानो ये तन  मानुष को मिलयो,बस एक यही अब धर्म निभानो नेह सुधा  बरसा  धरती पर,सीख  सिखा  सबको  हरषानो … Read more »

यूपी चुनाव विशेष

यूपी में चहुँ ओर ही,खिला  कमल का फूल | साईकल,हाथी,हाथ को,गये लोग अब भूल || भले के सब ही साथी । गिरा हाथो  से  हाथी ।। सृजनकार : नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” यूपी चुनाव Read more »

चौपाइयां छंद : [ chaupaiyan chhand ]

चौपाइयां [chaupaiyan] छंद   चौपाइयां छंद विधान   चार     पंक्तियाँ  क्रमशः   समतुकांत 10 - 8 - 12 पर  यति कुल 30 मात्रायें रची   सृष्टि  सारी, केवल   नारी,ये   जग  की आधारा हो   रातें    काली, करे   दिवाली, यही   भोर  का  तारा संकट  जब  आया, … Read more »

हाइकु / Hayku

(१)    तेज तपन, बनी हूँ विरहन   जलता मन,              (२)   आखिरी आस अब होगा मिलन    बुझेगी प्यास          (३)    फाल्गुनी रंग चहुँ ओर गुलाबी     पीव न संग          (4)      रात  अँधेरी मेंरा चाँद ओझल     उसी को हेरी           (5)     निगाहें… Read more »

राधिका छंद : Radhika Chhand

राधिका छंद : Radhika Chhand  छंद विधान :–   22 मात्राओ के साथ 13/9 पर यति होती है । यति से पहले और बाद में त्रिकल आता है ।  कुल चार चरण होते हैं ,  क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं  |   (1) खेलें  मिल  सारे  फाग, प्रेम   की  धुन  में … Read more »

आपकी समीक्षा : सा• अनुभा मुंजारे

सा•अनुभा मुंजारे "अनुपमा" जी की कलम से  हमारे कुञ्ज परिवार के प्रिय  रचनाकार ... नवीन शर्मा ' श्रोत्रिय ' जी पर.....मेरी समीक्षा  " पूत के पाँव पालने में " कहावत को चरितार्थ करता हुआ ... नवीन जी का व्यक्तित्व और कृतित्व है ।  … Read more »

आपकी समीक्षा : आ• सुरेश जी पत्तार

आ• सुरेश जी पत्तार 'सौरभ' की कलम से   २६ - २७  उम्र में साहित्यिक डालों की भी मुझे ठीक जानकारी नहीं थीं। आज पहली साहित्यिक सीडी चढ रहा हूँ। भले ही नवीन की उम्र कम रही होगी। इनकी रचना समीक्षा में कुछ का मन सकुचाया होगा, फिर भी छोटी मूर्ति में बडी कीर्ति… Read more »

आपकी समीक्षा : आ• शैल श्री श्लेषा जी

आ• शैलश्री..श्लेषा जी की कलम से .. .  आदरणीय नवीन जी सबसे पहले इतनी कम उम्र में की गई साहित्यिक तरक्की के लिए तहे दिल से हार्दिक अभिनंदन, आपने लेखन विधाओं को जानकर खुशी हुई कि आप साहित्य के अनेक विधाओं पर अपना हाथ आजमाए हैं । आपकी रचनाओं की प्रकाशन के लिए फिर से ए… Read more »

आपकी समीक्षा : आ• महेंद्र जैन “मनु” जी

आ•महेंद्र जैन “मनु” जी की कलम से  आदरणीय नवीन जी को सादर प्रणाम करतें हुए अपनी छोटी सी बात कहता हूँ ! माँ शारदा के पुत्र की समीक्षा करना अत्यन्त कठीन विषय है !  सूरज को दीपक दिखा कर कोनसी स्तुति मंत्र पढूं ! हर विधा के राजकुमार की हम राज तिलक से सम्मान कर… Read more »

आपकी समीक्षा सा• ममता गिनोडिया जी [ Writes Review By Mamta Ginodia ]

सा• ममता गिनोडिया जी की कलम से   Writes Review By  Mamta Ginodia  अभी जब नवीन श्रोत्रिय जी का जीवन परिचय पढा तो बहुत  खुशी  महसूस  हो रही है इतनी सारी काबलियत होना यह भी एक बड़े फक्र  की बात है ।        समीक्षका :   सा•ममता गिनोडिया जी Read more »

आपकी समीक्षा : ममता बनर्जी मंजरी जी [ Writes Review By Mamta banarji]

!! सा• ममता बनर्जी “मंजरी” जी की कलम से  !! नवीन जी की रचनाओं पर समीक्षा गद्द  और  पद्द  दोनों  विधाओं  के  पारंगत रचनाकार नवीन श्रोत्रिय" उत्कर्ष " जी की रचनाओं पर समीक्षा करना हालांकि मेरे लिए बहुत कठिन जान पड़ता है फिर भी कोशिश कर रही हूँ। वैसे ही आ… Read more »

आपकी समीक्षा : राजश्री तिवारी जी [ Writes Review By Rajshree Tiwari ]

!! सा• राजश्री तिवारी जी की कलम से !! नवीन जी कुञ्ज मे आप को किसी परिचय की आवश्यकता नही है, हम सभी आपके उत्कृष्ट लेखन से परिचित हैं ।  छोटी सी उम्र मे ही आपने बहुत सी विधाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया जिसके लिए आप बधाई  के पात्र हैं । आपकी काव्य यात्रा सदा अनवरत  चलती… Read more »

आपकी समीक्षा : डॉ•अरुण श्रीवास्तव “अर्णव” जी [ Writes Review By Dr. Arun Shrivastav ]

!! आ•डॉ•अरुण श्रीवास्तव अर्णव जी की कलम से  !! DR.Arun Shrivastav आज साहित्य के एक सशक्त युवा हस्ताक्षर नवीन शर्मा उत्कर्ष के शानदार जीवन परिचय से रूबरू होने का मौका मिला । अपनी रचनाओं से नवीन जी पाठकों पर एक स्पष्ट प्रभाव परिलक्षित करने में सफल रहे हैं । उनक… Read more »

आपकी समीक्षा - रीता जयहिंद जी [ Writes Review By Reeta Jaihind ]

!! सा• रीता जयहिंद की कलम से !!  रीता जयहिंद  आo नवीन श्रोत्रिय "उत्कर्ष  मेरा अहोभाग्य है कि मुझे साहित्य जगत की इतनी महान  विभूति हस्ती के लेखन पर समीक्षा का अवसर प्राप्त हुआ है । मैं नूतन साहित्य कुंज की सभी महानुभावो की शुक्रगुजार हूँ कि हमें प्रत… Read more »

आपकी समीक्षा : रुनू बरुवा रागिनी [ Writes Review By Roonu Baruva ]

!! रुनू बरुवा "रागिनी" जोरहाट जी की कलम से  !!   रुनू बरुवा रागिनी नवीन जी के विषय में पढ़कर उनके बारे में बहुत कुछ ज्ञात हुआ | इतनी कम उम्र में आपने जीवन के कई क्षेत्रों में महारत हासिल की है जो काबिले तारीफ है |  उपनाम भी आपके योग्य है | पहली क… Read more »

आपकी समीक्षा : सम्मानिया जय श्री शर्मा जी

!! सा•जय श्री शर्मा जी की कलम से !! आ. नवीन जी का परिचय पढ़कर लगा कि कितनी कम उम्र में वे साहित्य के क्षेत्र में इतना आगे बढ़ गये हैं बहुत बहुत बधाई आ. नवीन जी को अपनी प्रथम रचना में सुबह सवेरे वे बहुत ही सुंदर संदेश दे रहें हैं अच्छे कर्म करके ही मनुष्य अपनी किस्म… Read more »

आपकी समीक्षा - श्री मुरारि पचलंगिया जी [ Writes Review By Murarilal Pachlagiya ]

!! आ• श्री मुरारि पचलंगिया जी  जी की कलम से   !! एक उभरते हुए रचनाकार के रूप में  हमारे सर्वप्रिय भाई नवीन शर्मा श्रोत्रिय   इस मंच के लिए एक सुन्दर सौगात के रूप में हैं । हमें गर्व है ऐसे साथी को पाकर । इनकी रचनाओं में विविधता, गम्भीरता, सरसता सभी गुण विद्यम… Read more »

आपकी समीक्षा : सा• वाणी बरठाकुर विभा जी [ Writes Review By Vaani Thakur Vibha ]

समीक्ष का  : सा• वाणी बरठाकुर "विभा" ========================= वाणी बरठाकुर विभा जी आदरणीय नवीन शर्मा श्रोत्रिय उत्कर्ष जी से आज सम्पूर्ण रूप से परिचित होकर बहुत अच्छा लगा । इतने कम उम्र में आप साहित्य क्षेत्र में इतने आगे बढ़ता हुआ देख कर मुझ… Read more »

सीमायें

सीमायें : Border  छंद : तांटक, रस-वीर,गुण-ओज -------------------------------------- खादी  पहने घूम रहे कुछ, जो चोरो   के   भाई   हैं ऐसे लोगो के  कारण  ही,दुख  की  बदली छाई  हैं चेत करो अब सोये शेरो,इन्हें सबक सिखलाना है नमक हरामी करने वालो,को मतलब बतला… Read more »