आपकी समीक्षा : राजश्री तिवारी जी [ Writes Review By Rajshree Tiwari ]

!! सा• राजश्री तिवारी जी की कलम से !! नवीन जी कुञ्ज मे आप को किसी परिचय की आवश्यकता नही है, हम सभी आपके उत्कृष्ट लेखन से परिचित हैं ।  छोटी सी उम्र मे ही आपने बहुत सी विधाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया जिसके लिए आप बधाई  के पात्र हैं । आपकी काव्य यात्रा सदा अनवरत  चलती… Read more »

आपकी समीक्षा : डॉ•अरुण श्रीवास्तव “अर्णव” जी [ Writes Review By Dr. Arun Shrivastav ]

!! आ•डॉ•अरुण श्रीवास्तव अर्णव जी की कलम से  !! DR.Arun Shrivastav आज साहित्य के एक सशक्त युवा हस्ताक्षर नवीन शर्मा उत्कर्ष के शानदार जीवन परिचय से रूबरू होने का मौका मिला । अपनी रचनाओं से नवीन जी पाठकों पर एक स्पष्ट प्रभाव परिलक्षित करने में सफल रहे हैं । उनक… Read more »

आपकी समीक्षा - रीता जयहिंद जी [ Writes Review By Reeta Jaihind ]

!! सा• रीता जयहिंद की कलम से !!  रीता जयहिंद  आo नवीन श्रोत्रिय "उत्कर्ष  मेरा अहोभाग्य है कि मुझे साहित्य जगत की इतनी महान  विभूति हस्ती के लेखन पर समीक्षा का अवसर प्राप्त हुआ है । मैं नूतन साहित्य कुंज की सभी महानुभावो की शुक्रगुजार हूँ कि हमें प्रत… Read more »

आपकी समीक्षा : रुनू बरुवा रागिनी [ Writes Review By Roonu Baruva ]

!! रुनू बरुवा "रागिनी" जोरहाट जी की कलम से  !!   रुनू बरुवा रागिनी नवीन जी के विषय में पढ़कर उनके बारे में बहुत कुछ ज्ञात हुआ | इतनी कम उम्र में आपने जीवन के कई क्षेत्रों में महारत हासिल की है जो काबिले तारीफ है |  उपनाम भी आपके योग्य है | पहली क… Read more »

आपकी समीक्षा : सम्मानिया जय श्री शर्मा जी

!! सा•जय श्री शर्मा जी की कलम से !! आ. नवीन जी का परिचय पढ़कर लगा कि कितनी कम उम्र में वे साहित्य के क्षेत्र में इतना आगे बढ़ गये हैं बहुत बहुत बधाई आ. नवीन जी को अपनी प्रथम रचना में सुबह सवेरे वे बहुत ही सुंदर संदेश दे रहें हैं अच्छे कर्म करके ही मनुष्य अपनी किस्म… Read more »

आपकी समीक्षा - श्री मुरारि पचलंगिया जी [ Writes Review By Murarilal Pachlagiya ]

!! आ• श्री मुरारि पचलंगिया जी  जी की कलम से   !! एक उभरते हुए रचनाकार के रूप में  हमारे सर्वप्रिय भाई नवीन शर्मा श्रोत्रिय   इस मंच के लिए एक सुन्दर सौगात के रूप में हैं । हमें गर्व है ऐसे साथी को पाकर । इनकी रचनाओं में विविधता, गम्भीरता, सरसता सभी गुण विद्यम… Read more »

आपकी समीक्षा : सा• वाणी बरठाकुर विभा जी [ Writes Review By Vaani Thakur Vibha ]

समीक्ष का  : सा• वाणी बरठाकुर "विभा" ========================= वाणी बरठाकुर विभा जी आदरणीय नवीन शर्मा श्रोत्रिय उत्कर्ष जी से आज सम्पूर्ण रूप से परिचित होकर बहुत अच्छा लगा । इतने कम उम्र में आप साहित्य क्षेत्र में इतने आगे बढ़ता हुआ देख कर मुझ… Read more »

सीमायें

सीमायें : Border  छंद : तांटक, रस-वीर,गुण-ओज -------------------------------------- खादी  पहने घूम रहे कुछ, जो चोरो   के   भाई   हैं ऐसे लोगो के  कारण  ही,दुख  की  बदली छाई  हैं चेत करो अब सोये शेरो,इन्हें सबक सिखलाना है नमक हरामी करने वालो,को मतलब बतला… Read more »