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मदिरा के दुष्प्रभाव [Effect Of Wine]

कृष्ण  सुनो  अरदास    मम, चाह तुम्हारा साथ लोभ,  द्वेष    उर    से  हरो, तारो  भव से नाथ दारू  कब  घी सम रही, पी  कर  भरो  न जोर बाद  गलाती   जिस्म ये, है     बीमारी      घोर अलग -अलग उपनाम है,अलग-अलग अंदाज करना  मत  मधुपान तुम,यह दुर्जन का  काज कभी… Read more »

दोहे [doha]

पालीथिन    से   मर रही, गायें  रोज़  हज़ार । बन्द करो उपयोग अब, नही जीव को मार ।। वर्षो  तक    गलता नही,नही नष्ट जो होय । दूषित पर्यावरण करे,नाम पॉलिथिन सोय ।। कपडे   का थैला रखो,छोड़ पॉलिथिन आज । वर्षो   तक गलता नही,दूषित करे समाज ।। मांग   भरी … Read more »

Doha chhand

DOHA CHHAND राधे  -  राधे    हो     रही, चहुँ दिशि देखो आज अजब गजब तेरी  छटा, गोवर्धन      गिरिराज राधे   -  राधे     है   कहूँ, है   कान्हा   का  शोर श्याम   रंग  में   है  रँगे, बृज  के  चारो    ओर हे  ! केशव बृजराज सुन, बृज  में  भूखी  गाय कौन… Read more »

उत्कर्ष दोहावली २५/५/२०१८

जनक सुता माँ जानकी,अरु दशरत सुत राम । श्री   चरणों   मे  आपके,मेरा नमन प्रणाम ।। - उत्कर्ष अज्ञानी    ठहरा    प्रभो,नहीं तनिक भी ज्ञान । क्षमा  करो   मम  भूल हे,पवन पुत्र हनुमान ।। - उत्कर्ष ज्ञान   दायनी  भगवती,रखो कलम का मान । तुरत  संभालो  काज म… Read more »

Doha Chhand / दोहा छंद

===== उत्कर्ष कृत दोहे ==== गजमुख की कर वंदना,धर शारद  का  ध्यान । पञ्च देव सुमिरन करूँ,रखो कलम का मान ।। ==============≠==== ईश्वर   के  आशीष  से,दूने  हो दिन  रात । बिन मांगे  सबको मिले,मेरी यही सौग... Read more »

उत्कर्ष दोहावली

उत्कर्ष  दोहावली राधा  जपती  कृष्ण  को, कृष्ण  राधिका  नाम प्रीत  निराली  जग   कहे, रही   प्रीत  निष्काम  राम   नाम   ही   प्रीत  है, राम      नाम वैराग राम   किरण  है  भोर की, रे मानस मन जाग मन की मन में राखि ले,जब तक बने न काम निज कर्मन पर ध्यान… Read more »