मुक्तक माला
प्रेम को मन में तुम अब जगह दीजिये
नफरतो को न अब यूं हवा दीजिये
मुश्किलो से मिला है इंसा का जनम
इस जनम को न तुम यूं गवाँ दीजिये
बसे हो इस कदर दिल में, भुला तुमको न पाएंगे
चलेंगी साँस ना फिर ये, तुम्हे जो भूल जाएंगे
सदा से ही अभी तक तुम, रहे मन मीत मेरे इक
दिलो की प्रीत को ऐसे, सदा दिल से निभाएंगे
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