आल्हा/वीर छंद लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं

सूरजमल सुजान

गाथा : भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल सुजान शैली : आल्हा / वीर छंद (16/15 पदांत  गुरु,  लघु भाषा : खड़ी / ब्रज मिश्रित स्त्रोत्र : अंतर्जालीय पृष्ठ (विकिपीडिया, आदि)   गौरी   पुत्र    गणेश     पधारौ,   राजेश्वरी,   शारदा    संग इष्टदेव,  गृहदेव   सबै   मिल, भरौ   लेखनी    … Read more »

दानवीर कर्ण Daanveer Karn ]

गाथा : दानवीर कर्ण की (आधार छंद : आल्हा) Gatha Daanveer Karn Ki (Aalha Chhand) दानवीर ,  कुंती   का    बेटा,  कर्ण   नाम    जिसकी   पहचान कथा  सुनाऊँ  आज  उसी  की , श्रोताओ    तुम   देना  ध्यान शूरसेन   राजा  का  संगी, कुन्तिभोज   था    जिनका   नाम कोई  … Read more »

गृहस्थ सार : 【भाग -2】आल्हा/वीर छंद

घर बाहर का मुखिया नर हो और  नारि  घर  भीतर  जान दोनों   ही  घर   के  संचालक दोनों   का  ऊँचा    है  स्थान बात करे जब मुखिया पहला दूजा   सुने   चित्त    ले  चाव बात उचित अनुचित है जैसी वैसा  ही   वह    देय   सुझाव बिना राय करना   मत  दोनों चाहे  … Read more »

गृहस्थ सार 【 भाग-1】aalha chhand

गृहस्थ : छंद - आल्हा/वीर,बृज मिश्रित ------------------------- जय जय जय भगवती भवानी कृपा कलम पर   रखियो  मात आज पुनः  लिख्यौ   है आल्हा जामै     चाहूँ        तेरौ     साथ महावीर      बजरंगी       बाला इष्टदेव    मन  ध्यान   लगाय निज  विचार   गृ… Read more »

चींटी और हाथी (A Ant or Elephant)

छंद : आल्हा/वीर शैली : व्यंग्य अलंकरण : उपमा,अतिशयोक्ति --------------------------------------------- चींटी  एक  चढ़ी  पर्वत पे,        गुस्से से होकर के लाल । हाथी आज नही बच पावे,        बनके आई मानो काल । -------- कुल    मेटू     तेरे   मैं    सारो,    कोऊ आ… Read more »

छंद : आल्हा/वीर (Aalha/Veer)

सुमिरू तुमको हंसवाहिनी,मनमोहन,गुरुवर, गिरिराज । पंचदेव,  गृहदेव,  इष्ट  जी,मंगल  करना   सारे  काज ।। बाल नवीन करे विनती यह,रखना   देवो   मेरी   लाज । उर भीतर के भाव लिखूँ मैं,आल्हा छंद  संग ले आज ।। देश,वेश,परिवेश बदल दो,सोच बिना कछु नही सुहाय । मधुर बोल मन … Read more »

मेरा ख्वाब : (वीर/आल्हा)

नमन   करूँ   मैं   माँ   शारद को , करना माते सदा सहाय । लिखूँ ख्वाब में हाथ कलम ले , जो   मेरे   मन   को हर्षाय । -------------------------------------------- सरकारी    मैं    करूँ    नौकरी , बन अफसर जो ऑफिस जाय । लटके है जो काम अभी… Read more »