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कहमुकरी छंद - 2 [kehmukariyan]

कहमुकरी छंद  कहमुकरी छंद   विधान   :   प्रतिचरण 15 अथवा 16 - 16 मात्राऐं, क्रमशः दो दो चरण समतुकांत वह     भविष्य    का       है   निर्माता पथभ्रष्टी        को     पथ    पे   लाता कर्म      मार्ग    का    वही  निरीक्षक क्या  सखि  ईश्वर ? ना सखि शिक्षक … Read more »

विधा : कहमुक़री सविधान (kehmukariyan]

विधान : कहमुक़री चार चरणों में लिखी जाती है,जिसके प्रत्येक चरण का मात्रा भार 15-15 अथवा 16 -16 होता है । सुबह शाम   मैं   उसे  रिझाऊँ, नैन पलक पर  जिसे  बिठाऊँ बिन  उसके   दिल   है बेहाल, क्यों सखि साजन?ना गोपाल घड़ी - घड़ी  मैं  राह  निहारूँ सुबह शाम नित उसे पुकारूँ… Read more »