!! सा•जय श्री शर्मा जी की कलम से !!

आ. नवीन जी का परिचय पढ़कर लगा कि कितनी कम उम्र में वे साहित्य के क्षेत्र में इतना आगे बढ़ गये हैं बहुत बहुत बधाई आ. नवीन जी को अपनी प्रथम रचना में सुबह सवेरे वे बहुत ही सुंदर संदेश दे रहें हैं अच्छे कर्म करके ही मनुष्य अपनी किस्मत संवार सकता है शानदार सृजन आपकी दूसरी रचना राजस्थानी पृष्ठभूमि पर आधारित है जहाँ प्यार व वीरता कण-कण में बसी है कला-संस्कृति में अव्वल व अपने रिती-रिवाजों के प्रति सम्मान वहाँ हर जगह देखा जा सकता है  लाजवाब सृजन दोनों उत्कृष्ट रचनाओं के सृजन के लिये आपको बहुत बहुत बधाईयाँ जी.. सा• जय श्री शर्मा