होली : Holi Song Rasiya

होरी में उड़े गुलाल गुलाबी सबरे नर नारी ।
रंगनी  है राधा गोरी अरु रंग डारे बनबारी ।।

होरी में...........................................२
ग्वाल बाल सब झूम रहे है,
घोंट भांग  फिर चूम रहे है,
रंग बरसे सबरे आज घटायें छाई मतबारी ।
होरी में उड़े गुलाल गुलाबी सबरे नर नारी ।

होरी में..........................................
हुरियारों का हुड़दंग मचा है,
माधव ने  नया स्वांग रचा है,
जोर जोर से सखा पुकारे दरद चलो भारी ।
होरी में उड़े गुलाल गुलाबी सबरे नर नारी ।

होरी में.....
होरी है.....भइया बृज में होरी है...

होरी में उड़े गुलाल गुलाबी सबरे नर नारी-२
यह सुन गोपी भाजी आई,
कौन जाने का रही  दवाई,
क्यों  चाखी  तेने  भांग बाबरे,गयी का मतिमारी ।
होरी  में  उड़े  गुलाल,गुलाबी सबरे नर नारी ।।

नैकहु दरद  नाय  कम दीखो,
होरी को रंग पड़ गयो फीको,
कौन बताबे है साँची का गोपी कर औषधि हारी ।
होरी  में  उड़े  गुलाल  गुलाबी सबरे नर नारी ।।

सन्मुख जब राधाजी आई,
केशव की आँखे  मुस्काई,
ग्वालन कूँ कर दियो इशारो,भर  मारे पिचकारी ।
होरी  में  उड़े  गुलाल  गुलाबी सबरे नर नारी ।।

अंग अंग फिर रंग को कीन्हो,
राधा जी को  मुख रंग दीन्हो,
गोपी गोप ख़ुशी से झूमे,आई लाजहु बड़ भारी ।
होरी  में  उड़े  गुलाल गुलाबी सबरे नर नारी ।।

अबकी बार प्रभु फिर ते आओ,
मनमोहन लीला पुनः दिखाओ,
कहे नवीन रंगों साँवरिया,बृज छटा लगे प्यारी ।
होरी  में  उड़े  गुलाल गुलाबी सबरे नर नारी ।।

होरी में उड़े.....२
होरी है भैया.....होरी है....बृज में होरी है

✍नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”
श्रोत्रिय निवास बयाना,राज•
+91 84 4008 - 4006
होली Rasiya
Holi Song 2019