मासूम कविता : Innocent poetry Author:नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” 5/23/2017 01:07:00 am मासूम कविता : Innocent poetry नैना निश्छलता लिये,मुख से है मजलूम भूख मिटाने चल पड़ा, लेकर निज मकसूम कौन पराया, है सगा, जाने नही निरीह हँसता - रोता, खेलता, कभी रहा वह झूम नवीन श्रोत्रिय“उत्कर्ष” मासूम कविता : Innocent poetry
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