विश्व गुरु भारत अपना महान  

विश्व गुरु भारत अपना महान 
नही  कोई दूजा इसके समान 
नही कोई दूजा.....नही कोई...
विश्व गुरु............नही कोई...


सिक्ख ईसाई हिन्दू मुस्लिम,
सब  मिलजुल  कर  रहते  है
सुख दुख अपना आपस बांटे,
साथ  सभी  का,  हम देते  हैं
बाँटा भारत ने जग  को ज्ञान
नही कोई दूजा,इसके समान

नही दूजा...............
विश्व गुरु...............
जाति   धर्म  का भेद भूलकर,
सबकी   रक्षा   करे  सिपाही
तन मन अपना किये समर्पित,
करता  सीमा  की  रखवाली
खड़ा सीमा पे अडिग जवान
नही कोई  दूजा इसके समान

नही दूजा...............
विश्व गुरु...............
प्रीत    हमारी   रीत  सदा से,
हर   दिल   कान्हा  बसते  है
स्वामिभक्त वह,दुर्गादास हम,
जान   हथेली   पे   रखते  है,
मातृभूमि  को  अर्पित  प्रान,
नही दूजा...............
विश्व गुरु...............


Vishvguru bharat
Deshbhakti Poem song