उपजाति सवैया विधान : उपजाति सवैया क्रमशः दो सवैया का योग है , अथवा मिश्रित रूप है । जैसे इस सवैया में क्रमशः मत्तग्यन्द सवैया और सुंदरी सवैया का समावेश है । ताप परे नित तेज लग्यौ अब, फागुन ग्रीष्म ऋतू भर आईं मेल मिलाप करें ऋतु दो, बचकेउ नव… Read more »
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