गीत : चलते चलते ------------------- चलते चलते कह भी दो, तुम प्यार करते हो-२ हां प्यार करते हो, सजन, तुम प्यार करते हो चलते चलते कह भी दो, तुम प्यार करते हो देखा जब से रूप तुम्हारा, नजरो पे छाये तुम राह निहारू, तुम्… Read more »
गीत : चलते चलते ------------------- चलते चलते कह भी दो, तुम प्यार करते हो-२ हां प्यार करते हो, सजन, तुम प्यार करते हो चलते चलते कह भी दो, तुम प्यार करते हो देखा जब से रूप तुम्हारा, नजरो पे छाये तुम राह निहारू, तुम्… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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