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शायरी कहूँ या दर्द

* अर्ज करता हूँ * "तेरी बातों में जब मेरा ही जिक्र हो, फिर कैसे ना मुझे  तेरी  फ़िक्र हो... * एक और * मोहब्बत से नफरत थी तुम्हे,ऐ !जिंदगी फिर नफरतो में हमारा क्या काम...... प्यार से नफरते बनी,नफरतो से बने गम, गम  से बनी जिंदगी,जिंदगी से  बने हम, जब प्यार न… Read more »

मुक्तक : 05

आपका इंतज़ार ------------------------ बिठा कर हम निगाहों को,किये इन्त'जार बैठे है । मचलता है कि पागल मन,लिए हम प्यार बैठे है । तमन्ना  इक  हमारी   तुम,रही  कब दूसरी  कोई । चली आओ सनम अब हम,हुए  बेक'रार बैठे  है । फ़ेसबुक और प्यार ------------------------… Read more »

दर्द की पुकार

Heart Broken सुनो ओ दिलजलों,   आ कर हमसे मिलो, बहुत जले हो अकेले , साथ मेरे जलो , हम भी तनहा अकेले, तुम भी तन्हा रहे हो, अब  यूँ ना तन्हा रहो, साथ हमारे चलो, ओ दिल जलो -साथ मेरे जलो           -नवीन के श्रोत्रिय          श्रोत्रिय निवा… Read more »