छंद : चौपाई + दोहा
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नया टैक्स है आने वाला ।
बन्द करे गड़बड़ घोटाला ।।
क़िस्त टैक्स की जमा कराओ ।
उचित समय पर इनपुट पाओ ।।
दस तारीख रही आमद की ।
पन्द्रह कर दीनी जामद की ।।
जामद आमद स्वयं मिलाओ ।
चोरी करो न चोर छिपाओ ।।
नया टैक्स लागू हुआ,सबको देना ध्यान ।
बिक्री और खरीद पर,करना है भुगतान ।।
नाम वस्तु अरु सेवा कर है ।
विविध,विविध पर इसकी दर है ।।
कहीं विक्रय या कहीं खरीदा ।
टैक्स लगेगा एकहि सीधा ।।
पचास हजार के माल पर,अभिकलित्र बिल देय ।
दस हजार से ऊपरी,नगदी रही अदेय ।।
इक बाजार हुआ भारत का ।
सत्यानाश किया गारत का ।।
डर कर यूँ बैठो मत गुमसुम ।
निडर करो व्यापार सभी तुम ।।
क्रमशः .....आगे जारी....
✍नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”
श्रोत्रिय निवास बयाना
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