बहुत हुआ मोदीजी लेकिन,अब बातों में सार नही ।
खामोशी को साधे रहना,वीरों का श्रृंगार नही ।
मारो इनको या दुत्कारो,ये लातों के भूत रहे ।
बहुत कर लिया अब तक लेकिन,अब कुत्तों से प्यार नही ।
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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