हरिपद छंद
हरिपद छंद विधान :
कुल 27 मात्रायें, चार चरण दो पंक्तियाँ समतुकांत, अंत में गुरु लघु आवश्यक
उदाहरण :-
आधार छंद : हरिपद
सोलह ग्यारह पर लिखने हैं, चार चरण दो बंद
चौपाई दोहा का मिश्रण, है यह हरिपद छंद
सत्ताईस भार बन्दों का, गुरु लघु से हो अंत
शब्द,भाव,अरु भूषण से मिल, छंद बने फिर कंत
विषम चरण सोलह सोलह के, सम का ग्यारह मान
चौवन भार चार चरणों का, हरिपद यही विधान
सूर, नन्द, तुलसी ने लिखकर, हरि के गाये गीत
भक्तिकाल में हरिपद को भी, मिली जगत से प्रीत
✍नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”
श्रोत्रिय निवास बयाना
1 Comments
इसको गाने की तर्ज़ लय बता दीजिए या कोई गाना या कोई पद जो youtube पे avilable हो आपका आभारी रहूंगा
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