छंद : माहिया
MAHIYA CHHAND
छंद परिचय :- माहिया छंद को टप्पे गीत नाम से भी जाना जाता है, इस छंद में संयोग और वियोग दोनों पक्षों का चित्रण किया जाता है एवं इस छंद को हास्य-परिहास में भी लिखा जा सकता है, इस छंद की तीन पंक्तियाँ होती है जिनमे क्रमशः १२-१०-१२ मात्रायें होती हैं अर्थात पहली व् तीसरी पंक्ति में १२-१२ मात्रायें एवं द्वितीय पंक्ति में १० मात्रायें होती है।
छंद उदाहरण :-
इज्जत है इबादत है , सच मानो यारो, वो फक्त मुहब्बत है
कब प्रेम जताने को, झलका इस तरहा, तू प्रीत पै'माने को
मुझको न सताओ तुम, चाहतहै, छल है, ये भेद बताओ तुम
है दर्द मुहब्बत ये, जीना है जिनको, उनकी न जरूरत ये
आरूप हुआ रत है, तन की चाह लिये, ये प्रेम नहीं लत है
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8 Comments
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 21 जून 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंयशोदा जी, ब्लॉग पर मेरी रचना को स्थान प्रदान करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आभार
हटाएंSundar abhivyakti
जवाब देंहटाएंमहेश जी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिये दिली आभार
हटाएंसुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंआ•जोशी जी सराहना के लिये नत हूँ ।
हटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
सुधा जी, सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।
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