माहिया छंद टप्पे माहिया छंद / टप्पे महिया तुझपे मरते जबसे मैंने जाना है जां तेरे ही नां ख्वाब तिरे देखे हम प्यार तुम्हे करते इक तुमको पाना है कब आओगे मिलने क्यों मतलब यारी को … Read more »
माहिया छंद टप्पे माहिया छंद / टप्पे महिया तुझपे मरते जबसे मैंने जाना है जां तेरे ही नां ख्वाब तिरे देखे हम प्यार तुम्हे करते इक तुमको पाना है कब आओगे मिलने क्यों मतलब यारी को … Read more »
छंद : माहिया MAHIYA CHHAND छंद परिचय :- माहिया छंद को टप्पे गीत नाम से भी जाना जाता है, इस छंद में संयोग और वियोग दोनों पक्षों का चित्रण किया जाता है एवं इस छंद को हास्य-परिहास में भी लिखा जा सकता है, इस छंद की तीन पंक्तियाँ होती है जिनमे क्रमशः १२-१०-१२ मात्राय… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
अधिक जाने.... →
Follow Us
Stay updated via social channels