चौपाइयां [chaupaiyan] छंद चौपाइयां छंद विधान चार पंक्तियाँ क्रमशः समतुकांत 10 - 8 - 12 पर यति कुल 30 मात्रायें रची सृष्टि सारी, केवल नारी,ये जग की आधारा हो रातें काली, करे दिवाली, यही भोर का तारा संकट जब आया, … Read more »
चौपाइयां [chaupaiyan] छंद चौपाइयां छंद विधान चार पंक्तियाँ क्रमशः समतुकांत 10 - 8 - 12 पर यति कुल 30 मात्रायें रची सृष्टि सारी, केवल नारी,ये जग की आधारा हो रातें काली, करे दिवाली, यही भोर का तारा संकट जब आया, … Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
अधिक जाने.... →
Follow Us
Stay updated via social channels