सुखेलक छंद : SUKHELAK CHHAND सुखेलक छंद विधान :- नगण,जगण,भगण,जगण,रगण, 7/8= 15 वर्ण जग सब भूल के,अब बुलाय राधिका सुध बुध खो बनी,सजन देख साधिका दरस करा मुझे,अब सुजान साँवरे हृदय जला रही,जगत मोह छाँव रे Sukhelak Chhnd Ka Vidhan Or Udahar… Read more »
सुखेलक छंद : SUKHELAK CHHAND सुखेलक छंद विधान :- नगण,जगण,भगण,जगण,रगण, 7/8= 15 वर्ण जग सब भूल के,अब बुलाय राधिका सुध बुध खो बनी,सजन देख साधिका दरस करा मुझे,अब सुजान साँवरे हृदय जला रही,जगत मोह छाँव रे Sukhelak Chhnd Ka Vidhan Or Udahar… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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