शोकहर/ सुभांगी छंद [shokhar subhangi chhand] विधान : - [8,8,8,6 मात्राओं पर यति,पहली दूसरी यति अंत तुकान्त,चार चरण समतुकांत] सुनो दिवानी,राधा रानी,बृषभानु लली, रख प्रीती । क्षोभ सतावे,चैन न आवे,दिल ही जाने,जो बीती । … Read more »
शोकहर/ सुभांगी छंद [shokhar subhangi chhand] विधान : - [8,8,8,6 मात्राओं पर यति,पहली दूसरी यति अंत तुकान्त,चार चरण समतुकांत] सुनो दिवानी,राधा रानी,बृषभानु लली, रख प्रीती । क्षोभ सतावे,चैन न आवे,दिल ही जाने,जो बीती । … Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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