BHAKTIPAD नाय करी मैंने माखन चोरी अकारथ मोय फ़ँसा रहीं रीबात बनामत कोरी निस दिन छेड़त,कारौ कह-कह,और आप कूँ गोरी छुपा बाँसुरी, मारै कांकर,कहें मटकिया फोरी करौ भरोसौ को विधि मैया,तू तो है बड़ भोरी Read more »
BHAKTIPAD नाय करी मैंने माखन चोरी अकारथ मोय फ़ँसा रहीं रीबात बनामत कोरी निस दिन छेड़त,कारौ कह-कह,और आप कूँ गोरी छुपा बाँसुरी, मारै कांकर,कहें मटकिया फोरी करौ भरोसौ को विधि मैया,तू तो है बड़ भोरी Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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