नाय करी मैंने माखन चोरी (पद) Author:नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” 4/21/2020 12:01:00 am BHAKTIPAD नाय करी मैंने माखन चोरी अकारथ मोय फ़ँसा रहीं रीबात बनामत कोरी निस दिन छेड़त,कारौ कह-कह,और आप कूँ गोरी छुपा बाँसुरी, मारै कांकर,कहें मटकिया फोरी करौ भरोसौ को विधि मैया,तू तो है बड़ भोरी
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