दर्द की पुकार Author:नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” 11/18/2015 09:23:00 pm Heart Broken सुनो ओ दिलजलों, आ कर हमसे मिलो, बहुत जले हो अकेले , साथ मेरे जलो , हम भी तनहा अकेले, तुम भी तन्हा रहे हो, अब यूँ ना तन्हा रहो, साथ हमारे चलो, ओ दिल जलो -साथ मेरे जलो -नवीन के श्रोत्रिय श्रोत्रिय निवास बयाना Naveen Shrotriya Utkarsh
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