शोकहर/ सुभांगी छंद 

[shokhar subhangi  chhand]

विधान : - [8,8,8,6 मात्राओं पर यति,पहली दूसरी यति अंत 
तुकान्त,चार चरण समतुकांत]
सुनो    दिवानी,राधा      रानी,बृषभानु    लली, रख    प्रीती ।
क्षोभ  सतावे,चैन    न   आवे,दिल    ही    जाने,जो    बीती ।
यह सब साँचो,आँखिन बांचो,नहि  कुटिल  कोउ,यह   नीती ।
त्याग  उदासी,आँखे   प्यासी,कान्हा  को  दिल,तुम   जीती ।
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utkarsh kavitawali
SHOKHAR SUBHANGI CHHAND