मेरा भारत देश कहाँ [ Mera Bharat Desh Kahan ]

चूम लिये फांसी का फंदा,भगतसिंह सुख,राज जहाँ
इंकलाब  की  बोलो  वाला,मेरा  भारत   देश    कहाँ
वो प्यारा भारत देश कहाँ,

अंग्रेजो  का  महल  ढहाया, वो  दीवानी  नारे थे
भारत को जीने वाले वह,माँ भारति के प्यारे थे
किधर गया वह देश प्रेम अब,पनप रहा क्यों बैर यहाँ
इंकलाब   के  बोलो  वाला, मेरा  भारत    देश   कहाँ

वो मेरा प्यारा... वो मेरा भारत
रंग चढ़ा हर ओर बसंती,बाकी सब कुछ फीका था
स्वाभिमान क्या होता है ये इस माटी से सीखा था
करने लगे अब स्वयं का सौदा,बदला क्यों परिवेश यहाँ
इंकलाब के बोलो वाला

गंगा, जमुना  की  निर्मलता, की खाते सौगंध सभी
सदा साँच के पथ पे चलते,बढ़ा यहाँ कब झूठ कभी
मन दूषित तन आलस फैला,मेहनत का अब शेष कहाँ
इंकलाब    के   बोलो   वाला   मेरा   भारत   देश  कहाँ

वह जग उजियारा देश कहाँ...वह मेरा प्यारा देश कहाँ
वो  सबसे  न्यारा  देश  कहाँ, वो  मेरा भारत देश कहाँ

✍नवीन श्रोत्रिय "उत्कर्ष"
   श्रोत्रिय निवास बयाना
NKUtkarshbxn@gmail.com
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Naveen Kumar Sharma
Desh Bhakti Song