रास छंद (सविधान) Raas Chhand
विधान – 22 मात्रा 8-8-6 पर यति,अंत में 112,
चार चरण,क्रमागत दो-दो चरण तुकांत
चार चरण,क्रमागत दो-दो चरण तुकांत
समय कीमती,रहा सदा ही,चेत करो
समय नही है,पास तुम्हारे,ध्यान धरो
मोह पाश में,बंधे मूर्खो,झूम रहे
भूल ईश को,नित्य मौत पग,चूम रहे
(2)
आओ राधा,रास रचाये,मधुवन में
कान्हा बोले,प्रेम जगायें,कण-कण में
सभी गोपियाँ,थिरक रही हैं,तन-मन से
बजत बांसुरी,हर्षित है मन,मोहन से
(3)
चले सुदामा,मित्र मिलन को,आस लिये
खड़े द्वार पे,प्रहरी सारे,हास किये
खड़ा सुदामा,कोस रहा है,किस्मत को
हुई भूल जो,प्राप्त हुआ मैं,इस गत को
1 Comments
बहुत सुंदर सृजन के लिए बधाई 💐💐💐
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