Muktak : मुक्तक Author:नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” 6/09/2019 06:22:00 pm जीव के कर्म पर जीव का अवतरण जीव ऊपर चढ़ा मृत्तिका आवरण कर्म ऐसे करो मानवी तन मिले सद्गुणों का करो, सबहि अब अनुशरण Muktak : Utkarsh Kavitawali हिंदी पत्रिकाओं, एवं हिंदी साहित्यिक संस्थाओं को सहायतार्थ यथोचित अनुदान दें। संस्था अथवा पत्रिका का नाम अनुदान देते समय टिप्पणी में उल्लेखित करें। अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें। ☎ +919549899145
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