उपेन्द्रवज्रा छंद Author:नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” 5/01/2020 05:17:00 pm उपेंद्रवज्रा छंद UPENDRAVJRA CHHAND [जतजगुगु] छंद विधान : क्रमशः जगण, तगण, जगण, दो गुरु न साधना, वंदन, मोहि आवै तुम्हें रिझाऊँ, विधि को बतावै सुवासिनी सिद्ध सुकाज कीजै विवेक औ बुध्दि “नवीन” दीजै - नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष उपेन्द्रवज्रा छंद Allow Your JavaScript To View This Awesome Widget. {+ Grab this Widget}
4 Comments
Very good website, thank you.
जवाब देंहटाएंOdia Story Book Abupurusha O Anyanya Kahani
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thanks for give feedback
हटाएंअति उत्तम लेखन
जवाब देंहटाएंthanks a lot for comment
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