जनक सुता माँ जानकी,अरु दशरत सुत राम । श्री चरणों मे आपके,मेरा नमन प्रणाम ।। - उत्कर्ष अज्ञानी ठहरा प्रभो,नहीं तनिक भी ज्ञान । क्षमा करो मम भूल हे,पवन पुत्र हनुमान ।। - उत्कर्ष ज्ञान दायनी भगवती,रखो कलम का मान । तुरत संभालो काज म… Read more »
जनक सुता माँ जानकी,अरु दशरत सुत राम । श्री चरणों मे आपके,मेरा नमन प्रणाम ।। - उत्कर्ष अज्ञानी ठहरा प्रभो,नहीं तनिक भी ज्ञान । क्षमा करो मम भूल हे,पवन पुत्र हनुमान ।। - उत्कर्ष ज्ञान दायनी भगवती,रखो कलम का मान । तुरत संभालो काज म… Read more »
यूपी में चहुँ ओर ही,खिला कमल का फूल | साईकल,हाथी,हाथ को,गये लोग अब भूल || भले के सब ही साथी । गिरा हाथो से हाथी ।। सृजनकार : नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” यूपी चुनाव Read more »
दोहा मुक्तक ---------------- जय श्री राधे श्याम जी,जय गुरुवर,गुणिधाम । पंचभूत, गृहदेव जी,करता तुम्हे प्रणाम । भूल हुई कोई अगर,क्षमा दान दो आप । कृपा रखो मुझ दीन पर,करो पूर्ण सब काम ।। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष श्रोत्रिय निवास बयाना Read more »
महाशिव रात्रि ---------------- महादेव को था मिला,माँ गौरा का साथ । फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी,बनी महाशिव रात ।। रात मंगल फलदायी । साथ भर खुशियाँ लायी ।। मद ---- मदिरा कंचन कामिनी,और धरा का प्यार । आज जरूरत यह बने,चाहे अंत बिगार ।। बात वो ही ना माने । सार इनक… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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