महाभुजंगप्रयात [Mahabhujangprayat] विधान : महाभुजंगप्रयात छंद आठ यगण से है बना, बारह पर यति सोय । भुजंगप्रयात से दोगुना, सदा छंद यह होय ।। ------------------------------------- लगी है झरी धार पैनी परी हैं, लिये नीर आई… Read more »
महाभुजंगप्रयात [Mahabhujangprayat] विधान : महाभुजंगप्रयात छंद आठ यगण से है बना, बारह पर यति सोय । भुजंगप्रयात से दोगुना, सदा छंद यह होय ।। ------------------------------------- लगी है झरी धार पैनी परी हैं, लिये नीर आई… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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