गरमी

गरमी   ते  गरमी  मिली, गरम  रह्यो फिर आज
गरमी  ते  गरमी   घटी, कैसौ     गरम    रिवाज
कैसौ    गरम    रिवाज, ठंड     पे   बहुतै  भारी 
हुये     अधमरे   आज, गरमी    है   अत्याचारी 
सुनौ   सखा   उत्कर्ष, रखौ   रसना   में  नरमी 
वरना      उल्टे     हाथ, परे   तुमकू   ई  गरमी
   
   नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष
  श्रोत्रिय निवास बयाना
उत्कर्ष कवितावली
गरमी /Summer

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