!! विदाई गीत - VIDAI GEET !! छोड़ गई क्यों साथ हमारा, सूनी छोड़ कलाई किससे लाड़ लड़ायेंगे हम, कौन कहेगा भाई ओ प्यारी बहिना,ओ मेरी बहिना... बचपन की यादों का दर्पण, तडप जगायें भारी पलकें भारी हो जाती जब, आये याद तुम्हारी रक्षाबंधन … Read more »
!! विदाई गीत - VIDAI GEET !! छोड़ गई क्यों साथ हमारा, सूनी छोड़ कलाई किससे लाड़ लड़ायेंगे हम, कौन कहेगा भाई ओ प्यारी बहिना,ओ मेरी बहिना... बचपन की यादों का दर्पण, तडप जगायें भारी पलकें भारी हो जाती जब, आये याद तुम्हारी रक्षाबंधन … Read more »
हाय रे ! देखो किस्मत है खोटी, पराये घर,विदा हो जाती है बेटी, किसी ने नाम दिया तो , किसी का नाम है पाती, किसी ने पाला है इसको, किसी का आँगन है सजाती, घर की सब खुशियाँ है जब रूठी, पराये घर,विदा हो जाती है बेटी, बेटी कुछ अरमान संजोती, मेर… Read more »
विदाई गीत [ Vidai Geet ] हरे हरे कांच की चूड़ी पहन के, दुल्हन पी के संग चली है पलकों में भर कर के आंसू, बेटी पिता से गले मिली है फूट - फूट के बिलख रही वो-२ बाबुल क्यों ये सजा मिली है, छोड़ चली क्यों घर आंगन कू, बचपन की जहाँ याद ब… Read more »
Vivah Vidai Geet : विदाई गीत लाडी आई सासरिये ,भर नैनं में आस चाहत बनू सबकी में,मेरा प्रेमी हो भरतार लाडी आई सासारिये ,ओ भर नैनं ...... ओ लाडी आई सासारिये...... मईया छोड़ी मैंने ,अब बाबुल भी छोड़ा, पिया के घर से अब नाता जोड़ा, में आई छोड़ छाड़ ,स… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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