शौच खुले में नहिं जायेंगे । हम शौचालय बनवायेंगे ।। अपनी सुरक्षा अपने हाथ । शौचालय की हो अब बात ।। बूढी माँ नहि हो परेशान । शौचालय पर दो सब ध्यान ।। सड़क किनारे स्वच्छ रहेंगे । निर्मल गाँव मित्र करेंगे ।। स… Read more »
शौच खुले में नहिं जायेंगे । हम शौचालय बनवायेंगे ।। अपनी सुरक्षा अपने हाथ । शौचालय की हो अब बात ।। बूढी माँ नहि हो परेशान । शौचालय पर दो सब ध्यान ।। सड़क किनारे स्वच्छ रहेंगे । निर्मल गाँव मित्र करेंगे ।। स… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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