तांटक छंद : tantak chhand बेटियाँ

पीले  हाथ  किये  बाबुल  ने,अपनी  बेटी  ब्याही है । अब तक तो कहलाई अपनी,अब वो हुई परायी है ।। नीर  झलकता है  पलको से,बेला  करुणा  की आयी । चली सासरे वह निज घर से,दुख की बदली है छायी ।। मात-पिता,बहिना अरु भाई,फूट - फूट  कर  रोते है । अपनी   प्यारी    लाडो   से,द… Read more »

माँ : Maa (Mother day Special)

!! माँ : MAA !! मातृ मूल्य समझे नही,देख गजब संजोग अपनी  माता  छोड़  के,पाहन  पूजत लोग दोनों की महिमा बड़ी,किसका करूँ बखान माँ  धरती  के तुल्य है,पिता आसमाँ जान नंगे  पग, तपती  धरा, मास रहा  जब जेठ भिक्षा   मांगी  मात  ने, भरा   पुत्र  का पेट भ… Read more »

मेरा देश मेरा भारत [doha or chaupai]

"मेरा देश-मेरा भारत" रहमान  संग  में  यहाँ,ईसा,  नानक, राम । वीरों  की जननी यही,भारत इसका नाम ।। विश्व पटल पर छाया न्यारा । प्यारा   भारत   देश हमारा ।। राणा,   पन्ना,  भामा,  मीरा । यही  हुए  रसखान,कबीरा ।। चरक,हलायुध,अब्दुल,भाभा । विश्व पटल की … Read more »

भुजंगप्रयात छंद [bhujangprayat chhand]

भुजंगप्रयात छंद  [Bhujangprayat Chhand] विधान : यगण×4 कुल 12 वर्ण लगी आग  देखो,जला    प्रेम    सारा बना आज  बैरी,रहा    भ्रात    प्यारा कभी  सोचता हूँ,दिखावा भला क्यों  रहा  जो  हमारा,उसी  ने  छला क्यों                        (2) मिलो आप कान्हा,मिले… Read more »

चींटी और हाथी (A Ant or Elephant)

छंद : आल्हा/वीर शैली : व्यंग्य अलंकरण : उपमा,अतिशयोक्ति --------------------------------------------- चींटी  एक  चढ़ी  पर्वत पे,        गुस्से से होकर के लाल । हाथी आज नही बच पावे,        बनके आई मानो काल । -------- कुल    मेट... Read more »

कुंडलियां (Kundaliyan)

कुण्डलिया Kundaliyan  बीती   बातें   भूल मत, बीती     देती    सीख बीती  से  नव  सर्जना, बीती   नवयुग   लीक बीती  नवयुग  लीक, बढ़े  चल  जुड़कर आगे बीती  पर  कर  शोध,छोड़  मत  इसको भागे कहे     मित्र    उत्कर्ष , यहाँ   यादें   है    जीती क्यों   भूलो  फिर… Read more »

मत्तग्यन्द सवैया : चित्र चिंतन

बैठ प्रिया, तटनी  तट पे, यह सोचत है कब साजन आवे । साँझ ढली रजनीश उगो, विरहा  बन  बैरिन मोय सतावे । सूख रही मन प्रेम लता, यह  पर्वत देख  खड़ो मुसकावे । देर हुई उनको अथवा, कछु और घटो यह कौन बतावे । ✍नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”     श्रोत्… Read more »

अभिव्यक्ति की आजादी (freedom of Manifestation)

------------------------------------------- अभिव्यक्ति के नाम पर, परोसी जा रही है, फूहड़ता,अब बदल चुका है, वह संकल्प, जो लिया था कभी, सभ्य समाज, और उसकी पुष्टता का, कभी दीपक बन, उजाला करने के, संजोये थे ख्वाब, मगर, लोकप... Read more »

मेरा भारत देश कहाँ [ Mera Bharat Desh Kahan ]

मेरा भारत देश कहाँ [ Mera Bharat Desh Kahan ] चूम लिये फांसी का फंदा,भगतसिंह सुख,राज जहाँ इंकलाब  की  बोलो  वाला,मेरा  भारत   देश    कहाँ वो प्यारा भारत देश कहाँ, अंग्रेजो  का  महल  ढहाया, वो  दीवानी  नारे थे भारत को जीने वाले वह,माँ भारति के प्यारे थे … Read more »

विदाई गीत [ Vidai Geet ]

विदाई गीत [ Vidai Geet ] हरे हरे कांच की चूड़ी पहन के, दुल्हन  पी   के  संग  चली  है पलकों  में  भर  कर के आंसू, बेटी  पिता  से  गले  मिली  है फूट - फूट के  बिलख रही वो-२ बाबुल  क्यों  ये सजा मिली है, छोड़ चली क्यों घर आंगन कू, बचपन की जहाँ याद ब… Read more »