फ़रवरी, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं

छंद : आल्हा/वीर (Aalha/Veer)

सुमिरू तुमको हंसवाहिनी,मनमोहन,गुरुवर, गिरिराज । पंचदेव,  गृहदेव,  इष्ट  जी,मंगल  करना   सारे  काज ।। बाल नवीन करे विनती यह,रखना   देवो   मेरी   लाज । उर भीतर के भाव लिखूँ मैं,आल्हा छंद  संग ले आज ।। देश,वेश,परिवेश बदल दो,सोच बिना कछु नही सुहाय । मधुर बोल मन … Read more »

एक सुंदरी : श्रृंगार रस

छंद : मत्तग्यन्द सवैया ------------------------------- जोगिन एक मिली जिसने चित, चैन चुराय  लिया चुप  मेरा । नैन  बसी  वह   नित्य  सतावत, सोमत  जागत डारिहु  घेरा । धाम कहाँ उसका  नहिं  जानत, ग्राम, पुरा, बृज माहिंउ हेरा । कौन  उपाय करूँ  जिससे वह, मित्र  करे  … Read more »

संयोग श्रृंगार : मत्तग्यन्द सवैया

छंद : मत्तग्यन्द सवैया ------------------------------- नैनन   ते   मद  बाण  चला,              मन भेद गयी  इक नारि निगोरी । राज किया जिसने  दिल पे,              वह  सूरत  से  लगती बहु भोरी । चैन गयो फिर  खोय  कहीँ,              सुधि बाद रही हमकूँ कब थोरी । प्रे… Read more »

मरुभूमि और महाराणा [ Marubhoomi Or Maharana ]

★★मरुभूमि और महाराणा★★ पंद्रह    सौ   चालीसवाँ, कुम्भल राजस्थान जन्म हुआ परताप का, जो  माटी  की शान माता जीवत कँवर औ, तात उदय था नाम पाकर  ऐसे   वीर  को, धन्य हुआ यह धाम पन्दरा सौ अड़सठ  से, सत्तानवे  के  बीच अपने ओज प्रताप  से, मेवाड़   दिया  स… Read more »

जय शिव शम्भू

महाशिव रात्रि आई,सब शिवालय सजे है, कालो के  काल,महाकाल कैलाश चढे है, घूँट लो भंगिया,बाबा नांदिया,कहने लगे है इस पावन पर्व के रस में सब बहने लगे है, महाशिवरात्रि के पर्व की अग्रिम शुभकामनाये            नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” Read more »

हिंदी और मेरे विचार [Hindi Kya Hai]

हिंदी और मेरे विचार [Hindi Kya Hai] हिंदी और मेरे विचार हिंदी भाषा यह वो भाषा है जो हिन्दुओ के द्वारा बोलचाल और विचारों के आदान प्रदान के लिए सहज और वैज्ञानिक मानदंडों के आधार पर  विकसित की गयी थी,यह सम्पूर्ण हिंदुस्तान की भाषा रही है । सनातन काल में संस्कृ… Read more »

गीत : इंतज़ार

:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: भीग रही है पलके मेरी सजन तेरी याद में, बैठी हूँ तन्हा अकेली तेरे इंतज़ार में, तू दूर गया तो तेरे में पास आ गयी- 2 क्या हाल है हमारा देख तेरे प्यार में, क्या हाल है हमरा सजन तेरे प्यार में •••••••••••••••••••••••… Read more »

श्रृंगारिक कविता

एक सुन्दर सी नार,वाको रूपहु निखार ।  जाके लाल लाल होट, नयन  कटारि   है ।। बोले हँस हँस बोल,मन मेरो जाय डोल । है गोल गोल कपोल,सूरत  की  प्यारि है ।। मनभावन है बोली,और एकदम भोली । लागे अप्सरा हो जैसे,वो सबसे न्यारि है ।। लगा नैनो में कजरा,सज़ा बालों में गजरा ।… Read more »

होली : कविता

🔸🔹होली🔹🔸 बज रहे चंग, भर मन में उमंग, नर नारी संग संग, देखो फाग आज खेल रहे, कान्हा डार रहो रंग, ले के ग्वाल बाल संग, वो तो करे हुड़दंग, देखो एक दूजे पे उड़ेल रहे, डारो राधाहु पे रंग, रंग दीनो अंग अंग, देख बृजवासी भये दंग, ऐसे जुगल को सदा हु मेल रहे । बरसे… Read more »

Vivah Vidai Geet : विदाई गीत

Vivah Vidai Geet : विदाई गीत  लाडी  आई  सासरिये ,भर   नैनं   में आस चाहत बनू सबकी में,मेरा प्रेमी हो भरतार लाडी आई सासारिये ,ओ भर नैनं ...... ओ लाडी आई सासारिये...... मईया छोड़ी मैंने ,अब बाबुल भी छोड़ा, पिया के घर से अब नाता जोड़ा, में आई छोड़ छाड़ ,स… Read more »

सच्चा प्रेम [True Love]

!! सच्चा प्रेम [True Love] !!  पिता की डाँट फटकार को सबहि उनकी नाराजगी समझते है,उनका गुस्सा समझते है, पर  एक  पिता का हृदय समझ से परे होता है,वह एक नारियल की भांति होता है, बाहर से सख्त और अंदर से कोमल, यह बात पहले मेरी समझ से भी बाहर थी,परंतु जब यथार्थ से परिच… Read more »

शोकहर/ सुभांगी छंद [shokhar subhangi chhand]

शोकहर/ सुभांगी छंद  [shokhar subhangi  chhand] विधान : - [8,8,8,6 मात्राओं पर यति,पहली दूसरी  यति  अंत  तुकान्त,चार चरण समतुकांत] सुनो    दिवानी,राधा      रानी,बृषभानु    लली, रख    प्रीती । क्षोभ  सतावे,चैन    न   आवे,दिल    ही    जाने,जो    बीती । … Read more »