गागर लेकर जाय रही,जमुना तट गूजरि एक अकेली ।
देखत केशव पूछ उठे,कित है सब की सब आज सहेली ।
गूजरि देख कहे सुन लो,सब जानत माधव नाय पहेली ।
क्योकर पूछत हो हमको,तुम क्योकर बाद करो अठखेली ।
: नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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