* अर्ज करता हूँ * "तेरी बातों में जब मेरा ही जिक्र हो, फिर कैसे ना मुझे तेरी फ़िक्र हो... * एक और * मोहब्बत से नफरत थी तुम्हे,ऐ !जिंदगी फिर नफरतो में हमारा क्या काम...... प्यार से नफरते बनी,... Read more »
* अर्ज करता हूँ * "तेरी बातों में जब मेरा ही जिक्र हो, फिर कैसे ना मुझे तेरी फ़िक्र हो... * एक और * मोहब्बत से नफरत थी तुम्हे,ऐ !जिंदगी फिर नफरतो में हमारा क्या काम...... प्यार से नफरते बनी,... Read more »
आपका इंतज़ार ------------------------ बिठा कर हम निगाहों को,किये इन्त'जार बैठे है । मचलता है कि पागल मन,लिए हम प्यार बैठे है । तमन्ना इक हमारी तुम,रही कब दूसरी कोई । चली आओ सनम अब हम,हुए बेक'र... Read more »
Heart Broken सुनो ओ दिलजलों, आ कर हमसे मिलो, बहुत जले हो अकेले , साथ मेरे जलो , हम भी तनहा अकेले, तुम भी तन्हा रहे हो, अब यूँ ना तन्हा रहो, साथ हमारे चलो, ओ दिल जलो -साथ मेरे जलो -नवीन के श्रोत्रिय श्रोत्रिय निवा… Read more »
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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