मदन/रूपमाला छंद [Madan/Roopmala chhnad] Author:नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” 3/10/2019 07:59:00 pm छंद : मदन/रूपमाला विधान : 24 मात्रा, 14,10 पर यति, आदि और अंत में वाचिक भार 21 कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरणों में तुकांत देख उसको दिल मचलता, प्रेम है या भोगबोध मुझको इसका नहीं, कौनसा यह रोगदेख लेता जब तक न मैं, चित्त को कब चैनचाँद होगा अपना कभी, स्वप्न बुनती रैन मदन-रूपमाला छंद
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